एक्टिव रासायनिक संरचना
एसिटामिप्रिड स.त. 20.00ः भार/भार
सोडियम डोडिसाइल 4.50ः भार/भार
बेंजीन सल्फोट, सोडियम सल्फोनेट एवं सोडियम एल्केलाईट: भार/भार
सोडियम साइट्रटे , डाईहाइड्रेट 30.00ः भार/भार
कैल्शियम हाइड्रोजन फास्फेट डाईहाइडेªट 0.10ः भार/भार
रंग लाने वाले घटक(ब्रिलीयंट ब्लू ) 0.05ः भार/भार
लैक्टोज मोनोहाइडे ªट पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भारw
उपयोग: इस कीटनाशक का उपयोग कपास पर आने वाले तेला , माहू और सफेद मक्खी, मिर्च पर
चुरदा, धान पर भूरा फुदका, माहु की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां: 1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक: कोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करे ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
शिकारी रासायनिक संरचना
फेनवेलरेट टेक्निकल (भारन ुसार 90ः स.त. पर आधरित) 0.450ः भार/भार
पोषक जाईलीन 2.000ः भार/भार
प्रेसीपिटेड सिलिका 4.000ः भार/भार
चायना क्ले ग्राउण्ड 3.500ः भार/भार
टैल्क टी-2 पाउडर 90.050ः भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:इस कीटनाशक का उपयोग कपास की फसल के चिŸाीदारचित्तीदार , डोंडे की सुंडी और गुलाबी डोंडे की सुंडियों की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां: 7. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
8. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
9. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
10. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
11. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
12. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक: एलर्जी के लिए एन्टीहिस्टेमिन्स दे लक्षण अनुसार इलाज करें।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
सिकंदर रासायनिक संरचना
करटाप हाइड्रोक्लोराइड टेक्निकल (भारनुसार 18ः स.त. पर आधरित) 4.100ः भार/भार
आयसोप्रोपाईल एसिड फास्फेट 1.000ः भार/भार
फास्फोरिक एसिड ‘85’ 0.500ः भार/भार
एन.पी. 85 या समकक्ष पाली ऑक्सी ईथाईलीन नोनाईल 1.500ः भार/भार
फिनाईल इथर
चायना क्ले/कायोलिन 5.000ः भार/भार
सैंड/रेत 87.900ः भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:इस कीटनाशक का उपयोग धान की फसल के तना छेदक, पर्ण मोडक तथा भ्रमर मक्खी कीटों की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां: 1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक:रोगी की नाडियों में 100-200 मि.ग्रा . एल सिस्टीन अथवा मांसपेशियों में 20-60 मि.ग्राबी.ए.एल. (डरमरकेप्रोल या 2,3 डाइमरक ैप्टोप्रोपेनाॅल) का इंजेक्शन दे । डरमेटाइटिस के लिए स्टेरॉयड
का प्रयोग करे ।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। आग से दूर सूखी एवं ठंडी जगह पर रखें।
किलर लैमबडासायहैलोथ्रीन 5% ई.सी. रासायनिक संरचना
ई.सीलैमबडासायहैलोथ्रीन टेक्निकल 5.00ः भार/भार
ईमल्सीफायर क्रिसलोक्स एई-4 20ः एल्काईल बेंजीन सल्फोनेट का 7.00ः भार/भार
कैल्शियम साल्ट 57ः एल्काइल फैनोल
इथोक्सीलेट तथा विलाटक (मैथानोल,
इसोबुटानोल व एरोमेक्स 23ः
ईमल्सीफायर क्रिसलोक्स एई-5 36ः एल्काईल बेंजीन सल्फोनेट का 3.00ः भार/भार
कैल्शियम साल्ट 34ः एल्काइल फैनोल
इथोक्सीलेट तथा विलाटक (मैथानोल,
इसोबुटानोल व एरोमेक्स 30ः
सोल्वेंट (एरोमेक्स) पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:यह एक स्पर्श और पेट में असर करने वाला कीटनाशक है। जो कपास, धान, बैंगन, टमाटर,
आम, भिंडी, अरहर, मिर्च, मूंगफली, प्याज तथा चना के कीटों की रोकथाम करता है।
उपयोग के लिए सावधानियां: 1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक: कोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करं।
प्राथमिक उपचार: यदि इसे निगल जाए, तो गले के पीछे गुदगुदी करके उल्टी कराए। यह प्रक्रिया
तबतक करते रहे जब तक उल्टी द्वारा निकला पदार्थ साफ न हो जाए। यदि मरीज बेहोश हो ता ऐसा
न करे । आंखोंमें चला जाए तो भरपूर पानी के छींटे देकर 10-15 मिनट तक आंखों को धोएं। प्रदूषित
शरीर के हिस्से को साबुन और पानी से धो लें। सांस के द्वारा अन्दर गया हो तो रोगी को शुद्ध हवा में ले जाएं।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
शक्तिवहन (प्रोफेनोफाॅस 50% ई.सी. रासायनिक संरचना
प्रोफेनोफाॅस सक्रिय तत्व (न्यनू तम शुद्धता 89ः) 50.00ः भार/भार
वनस्पति तेल 9.75ः भार/भार
पोलीग्लाइकाॅल ईथर अल्काईल एरार्लल सल्फोनेट कैल्शियम साल्ट 5.25ः भार/भार
सोयाबीन तले ईपोक्सिडाइज्ड 3.00ः भार/भार
घोलक सी-9 पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:इस कीटनाशक का उपयोग फसल के डोंडे की सुंडी, तेला, माहु, चुरदा सफेद मक्खी तथा सोयाबीन के सेमीलूपर (क्रिसोडेक्सिस एकूटा), गिर्द ल बीटल (ओबेरोपसिस ब्रेविस) की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक:1. रोगी को तुरंत एट्रोपिन दीजिए और इसकी 2 से 4 मि.ग्रा। तक की खुराक 5 से 10 मिनट के अंतराल पर अंतःशिरा द्वारा लगातार देते हुए पूर्ण एट्रोपिनाइज रखिए। एक दिन में एट्रोपिन सल्फेट
की अधिक से अधिक 25 से 50 मि.ग्रा. तक की मात्रा की आवश्यकता पड़ सकती है। एट्रोपिन
सल्फेट की और मात्रा लक्षणों के बरकरार रहते दी जा सकती है। एट्रोपिन की कितनी खुराक दी
जा सकती है, इसके लिए मुंह से निकलने वाली लार एक लाभदायक कसौटी है।
2. 1 से 2 ग्राम 2 पी.ए.एम. 10 मि.ली. आसुत जल में घोलकर अन्तःशिरा द्वारा बहुत धीरे -धीरे 10 से 15 मिनट में देना चाहिए।
प्राथमिक उपचार:यदि इसे निगल जाए, तो गले के पीछे गुदगुदी करके उल्टी कराए। यह प्रक्रिया
तबतक करते रहे जब तक उल्टी द्वारा निकला पदार्थ साफ न हो जाए। यदि मरीज बेहोश हो ता ऐसा
न करे । आंखों में चला जाए तो भरपूर पानी के छींटे देकर 10-15 मिनट तक आंखों को धोएं। प्रदूषित
शरीर के हिस्से को साबुन और पानी से धो लें। सांस के द्वारा अन्दर गया हो तो रोगी को शुद्ध हवा में
ले जाएं।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
आक्रमण प्रोफेनोफाॅस 40& + सेपरमेथ्रिन 4% ई.सी.
प्रोफेनोफाॅस स.त. 40.00ः भार/भार
सायपरमेथ्रीन स.त. 4.00ः भार/भार
अरंडी तले पाली ग्लाइकोल ईथर 36/40 ग्रेड 9.75ः भार/भार
डोडेसाइल बेन्जीन सल्फोनिक एसिड कैल्शियम साल्ट 5.25ः भार/भार
सोयाबीन आयल ईपाक्सीडाइज्ड 1.00ः भार/भार
सोल्वेंट सी-9 पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:इसका उपयोग कपास डोंडे की सुंडियों की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक:1. रोगी को तुरंत एट्रोपिन दीजिए और इसकी 2 से 4 मि.ग्रा. तक की खुराक 5 से 10 मिनट के
अंतराल पर अंतःशिरा द्वारा लगातार देते हुए पूर्ण एट्रोपिनाइज रखिए। एक दिन में एट्रोपिन सल्फेट
की अधिक से अधिक 25 से 50 मि.ग्रा. तक की मात्रा की आवश्यकता पड़ सकती है। एट्रोपिन
सल्फेट की और मात्रा लक्षणों के बरकरार रहते दी जा सकती है। एट्रोपिन की कितनी खुराक दी
जा सकती है, इसके लिए मुंह से निकलने वाली लार एक लाभदायक कसौटी है।
2. 1 से 2 ग्राम 2 पी.ए.एम. 10 मि.ली. आसुत जल में घोलकर अन्तःशिरा द्वारा बहुत धीरे -धीरे 10 से
15 मिनट मं े देना चाहिए।
3. एलर्जी के लिए एन्टीहिस्टेमिन्स दे सकते हैं।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
अर्जुन 505 क्लोरपायरीफाॅस 50% + सेपरमेथ्रिन 5% ई.सी.
क्लोरपायरीफाॅस टैक्निकल न्यूनतम शुद्धता 94ः 50.00ः भार/भार
सायपरमेथ्रीन टैक्निकल न्यूनतम शुद्धता 92ः 5.00ः भार/भार
इमल्सिफायर अ ब्लैंड आॅफ कैल्शियम साल्ट ऑफ एल्काइल 5.60ः भार/भार
बेंजीन सल्फोनिक एसिड एण्ड पोली
ऑक्सी ईथर ऑफ नोनी फिनोल
इमल्सिफायर ब ब्लैंड ऑफ कैल्शियम साल्ट ऑफ एल्काइल 2.40ः भार/भार
बेंजीन सल्फोनिक एसिड एण्ड पोलीइथोनाॅक्सी
प्रोपोक्सी ईथर ऑफ फैटी अल्कोहल
एरोमेटिक हाइड्रोकार्बन घोलक (एरोमेक्स ) पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:इसका उपयोग कपास के माहु, तेला, चूरदा, सफेद मक्खी, अमेरिकन डोंडे की सुंडी, चित्तीदार
डोंडे की सुंडी , गुलाबी डोंडे की सुंडी, तम्बाकू की सूंडी तथा धान के तना व पत्ता मोड़क की रोकथाम
के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशक:1. रोगी को तुरंत एट्रोपिन दीजिए और इसकी 2 से 4 मि.ग्रा . तक की खुराक 5 से 10 मिनट के अंतराल पर अंतःशिरा द्वारा लगातार देते हुए पूर्ण एट्रोपिनाइज रखिए। एक दिन में एट्रोपिन सल्फेट की अधिक से अधिक 25 से 50 मि.ग्रा. तक की मात्रा की आवश्यकता पड़ सकती है। एट्रोपिन सल्फेट की और मात्रा लक्षणों के बरकरार रहते दी जा सकती है। एट्रोपिन की कितनी खुराक दी जा सकती है, इसके लिए मुंह से निकलने वाली लार एक लाभदायक कसौटी है।
2. 1 से 2 ग्राम 2 पी.ए.एम. 10 मि.ली. आसुत जल में घोलकर अन्तःशिरा द्वारा बहुत धीरे -धीरे 10 से
15 मिनट में देना चाहिए।
3. एलर्जी के लिए एन्टीहिस्टेमिन्स दे सकते हैं।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
कमांडो (सायपरमेथ्रीन 25% ई.सी.): रासायनिक संरचना:
सायपरमेथ्रीन टेक्निकल (भरनुसार 92ः स.त. पर आधरित) 27.00ः भार/भार
इमल्सिफायर कन्डेन्सेट ऑफ एल्काइल 10.00ः भार/भार
फिनौल एवं सल्फोनेटेड एल्काइल
बेंजीन का मिश्रण
घोलक (जाईलीन) 47.75ः भार/भार
साइक्लोहेक्सेनोन 15.25ः भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग: इसका उपयोग कपास के ढोंडे की सुंडियां, फल छेदक, बैंगन भिंडी व गन्ने के तना छेदक की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:
1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्तत और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं। 5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए ।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
प्राथमिक उपचारः यदि इसे निगल जाए, तो उल्टी कराए।
विषनाशकः कोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करें। एलर्जी के लिए एन्टीहिस्टेमिन्स दे सकते हैं। बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
एम-10 (सायपरमेथ्रीन 10% ई.सी.) रासायनिक संरचना:
सायपरमेथ्रीन टेक्निकल (भरनुसार 50ः स.त. पर आधरित) 20.00ः भार/भार
इमल्सिफायर इथीलीन आक्साइड कन्डेन्सेट आॅफ एल्काइल 8.80ः भार/भार
फिनौल एवं सल्फोन ेटेड एल्काइल
बेंजीन/एल्काइल एराइल सल्फोन ेट एवं
पोली आॅक्सी इथाइलीन फिनौल
घोलक (जाईलीन) 71.20ः भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग: इसका उपयोग कपास के डोडे की सुडियां, फल छेदक, बैंगन, भिंडी व गन्ने के तना छेदक की रोकथाम के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:
1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्तत और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाए ।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान खाना पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
प्राथमिक उपचारःयदि इसे निगल जाए तो उल्टी कराए।
विषनाशकः कोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करें। एलर्जी के लिए एन्टीहिस्टॅमिन्स दे सकते हैं। बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
मिडा : रासायनिक संरचना:
इमिडाक्लोप्रिड स.त. 17.80ः भार/भार
नाॅन आयोनिक इमल्सिफायर इथाक्सीलेटेड अल्काइल 2.50ः भार/भार
एराइल फिनाल डेरिवेटिव
पोलीविनाइल पायरोलिडोन कोपोलिमर 1.00ः भार/भार
डाइमिथाइल सल्फोआक्साइड 38.40ः भार/भार
एन-मिथाइल पायरोलिडोन पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:यह एक अन्तप्र्रवाही कीटनाशक है। विभिन्न फसलों में रस चूसने वाले एवं कुछ अन्य कीटों
की रोकथाम के लिए इस कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है। कपास, चावल, मिर्च, गन्ना एवं आम
की फसलों पर इसका प्रयोग किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:
1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चार े से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
प्राथमिक उपचारःयदि इसे निगल जाए, तो गले के पीछे गुदगुदी करके उल्टी कराए। यह प्रक्रिया
तबतक करते रहे जब तक उल्टी द्वारा निकला पदार्थ साफ न हो जाए। यदि मरीज बेहोश हो ता ऐसा
न करे । आंखों में चला जाए तो भरपूर पानी के छींटे देकर 10-15 मिनट तक आंखों को धोएं। प्रदूषित
शरीर के हिस्से को साबुन और पानी से धो लें। सांस के द्वारा अन्दर गया हो तो रोगी को शुद्ध हवा में ले जाएं।
विषनाशकःकोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करे
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
मिडा-70 : रासायनिक संरचना:
इमिडाक्लोप्रिड स.त. 70.00ः भार/भार
मिश्रण एजो कलरंटे न.1 2.00ः भार/भार
इजो डाइज पिगमेंट एजो कलरंटे न.2 2.00ः भार/भार
सोडियम लिगनोसल्फोनेट 5.00ः भार/भार
बैटिग एजेंट सोडियम डाइएलकाईल नाफथलीन सल्फ़ोनेट 3.50ः भार/भार
डिस्परसिंग एजेंट एलकाईल पोली ग्लाईकोल ईथर 1.50ः भार/भार
स्टीकिंग एजेंट मिथाईल हाईड्रोक्सीइथाईल सैल्यूलोज 2.00ः भार/भार
बाइंडिंग एजेंट पार्ट लीसेफोनिफाइड पोलिविनाईल एल्कोहल 1.60ः भार/भार
एन्टीफोमिग एजेंट पोलीडाइमिथाईल सिलोक्सेन डरीवेटिव 1.50ः भार/भार
प्रैसी पीटेटीड सिलिका 4.00ः भार/भार
काओलिन पर्याप्त मात्रा: भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग:यह एक अन्तप्र्रवाही कीटनाशक है। कपास, भिंडी, मिर्च, सूरजमुखी , सरसों तथा गन्नामें चूसने वाले एवं कुछ अन्य कीटों की रोकथाम के लिए इस कीटनाशक का प्रयोग किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:
1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशकःकोई विशिष्ट विषनाशक नहीं है। लक्षण अनुसार इलाज करे
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।
एक्शन (क्लोरपायरीफाॅस 20% ई.सी.) रासायनिक संरचना:
क्लोरपायरीफाॅस टैक्निकल (भरानुसार 94ः स.त. पर आधारित) 21.50ः भार/भार
इमल्सिफायर एनिओनिक (कैल्शियम एल्केल एरिल सल्फोन ेट) 6.00ः भार/भार
नाॅन आयनिक (पोलीऑक्सीइथेलीन ईथर)
घोलक (एरोमेक्स) 72.50ः भार/भार
योग 100.000ः भार/भार
उपयोग: इस कीटनाशक का उपयोग धान के कर्क श रोमिल पर्ण वेलनक, पोंगा गाड़, तना छेदक,
कपास के माहु, डोंडे की सुंडी, सफेद मक्खी, कजरा कीट, सब्जियों व फलों के कीटों की रोकथाम और दीमक से इमारतों व लकड़ी के बचाव एवं बीज शोधन व मिट्टी शोधन के लिए किया जाता है।
उपयोग के लिए सावधानियां:
1. खाद्य सामग्री, खाद्य सामग्री के खाली बर्त त और पशुओं के चारे से दूर रखें।
2. मुंह, त्वचा और आंखों के सम्पर्क से बचाएं।
3. प्रयोग करते समय सांस द्वारा अन्दर जाने से बचाएं। हवा की दिशा में छिड़काव करें।
4. प्रयोग करने के बाद दूषित कपड़ों और शरीर के अंगों को अच्छी तरह धोएं।
5. प्रयोग करते समय धूम्रपान, खाना, पीना और कुछ चबाना नहीं चाहिए।
6. प्रयोग करते समय पूर्ण सुरक्षात्मक कपड़े पहनें।
विषनाशकः 1. रोगी को तुरंत एट्रोपिन दीजिए और इसकी 2 से 4 मि.ग्रा. तक की खुराक 5 से 10 मिनट के अंतराल पर अंतःशिरा द्वारा लगातार देते हुए पूर्ण एट्रोपिनाइज रखिए। एक दिन में एट्रोपिन सल्फेट की अधिक से अधिक 25 से 50 मि.ग्रा. तक की मात्रा की आवश्यकता पड़ सकती है। एट्रोपिन सल्फेट की और मात्रा लक्षणों के बरकरार रहते दी जा सकती है। एट्रोपिन की कितनी खुराक दी जा सकती है, इसके लिए मुंह से निकलने वाली लार एक लाभदायक कसौटी है।
2. 1 से 2 ग्राम 2 पी.ए.एम. 10 मि.ली. आसुत जल में घोलकर अन्तःशिरा द्वारा बहुत धीरे -धीरे 10 से 15 मिनट में देना चाहिए।
प्राथमिक उपचारः यदि इसे निगल जाए, तो गले के पीछे गुदगुदी करके उल्टी कराए। यह प्रक्रिया
तबतक करते रहे जब तक उल्टी द्वारा निकला पदार्थ साफ न हो जाए। यदि मरीज बेहोश हो ता ऐसा न करे । आंखों में चला जाए तो भरपूर पानी के छींटे देकर 10-15 मिनट तक आंखों को धोएं। प्रदूषित शरीर के हिस्से को साबुन और पानी से धो लें। सांस के द्वारा अन्दर गया हो तो रोगी को शुद्ध हवा में ले जाएं।
बच्चों की पहुंच से दूर रखें। सूखी और ठण्डी जगह पर आग से दूर रखें।